मांगलिक दोष क्या होता है? Kya hota h Manglik Dosh?

मांगलिक दोष क्या होता है? Kya hota h Manglik Dosh?

दोस्तों आज हम जानेंगे कि मांगलिक दोष क्या होता है? और मांगलिक दोष किसे कहते हैं? इसे जानने के लिए आपको मांगलिक शब्द को जानना ज़रुरी है। अगर आप मांगलिक शब्द पर गौर करेंगे तो पायेंगे कि मंगल शब्द का अर्थ शुभ होता है यानि जिसके शीर्ष पर मंगल हो। मांगलिक होने का अर्थ है आप पुरुषार्थी हैं और पराक्रम पर भरोसा करते हैं जैसे खुद से धन, संपदा, सम्मान प्राप्त करना आपको पसंद होता है। वहीं समान्य तौर पर किसी भी व्यक्ति की जन्म-पत्रिका के प्रथम भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव और द्वादश भाव, इन भावों में से किसी भी एक भाव में मंगल का स्थित होना, मांगलिक दोष कहलाता है
यदि व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष होता है तो इस दोष के कारण व्यक्ति का विवाह देरी से होता है और शास्त्रों में ये मान्यता है कि मांगलिक दोष वाले वर अथवा कन्या का विवाह किसी मांगलिक दोष वाले व्यक्ति से ही होना चाहिए। आइए जानते हैं कि मांगलिक दोष क्या हैं, क्यों होता है,क्या है इसका प्रभाव, कैसे होता है इसका उपाय आदि सब कुछ-

कौन होते हैं मांगलिक-

कुंडली में कई तरह के दोष बताये गये हैं, इन्हीं दोषों में से एक है मांगलिक दोष, ये दोष जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है वो मांगलिक कहलाता है जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के 1, 4, 7, 9, 12वें स्थान या भाव में मंगल स्थित हो तो वो व्यक्ति मांगलिक होता है।
मांगलिक होने का विशेष गुण ये होता है कि मांगलिक कुंडली वाले व्यक्ति अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से निभाते हैं। ये मुश्किल से मुश्किल काम को टाइम(Time) से पहले ही कर लेता है, इनके अंदर लीडरशीप क्वालिटी(Leadership Qualities) जन्म से ही होती है, ये लोग किसी से जल्दी घुलते-मिलते नहीं हैं पर जब मिलते हैं तो पूरी तरह रिलेशन(Relation) को निभाते हैं, ज्यादा महत्वाकांक्षी होने से इनके स्वभाव में क्रोध पाया जाता है परन्तु ये बहुत दयालु, क्षमा करने वाले तथा मानवतावादी होते हैं, गलत के आगे झुकना इनको पसंद नहीं होता और खुद ग़लती से भी ग़लत ये नहीं करते हैं।

ये लोग हाई रेंक(High Rank),बिज़नेसमेन(Businessman), गार्जियन(Guardian), तांत्रिक, पोलिटिशियन(Politician), डॉक्टर(Doctor), इंजीनियर(Engineer) इन जगहों में विशेष योग्यता प्राप्त करते हैं।

मंगल दोष के प्रकार-

  • यदि जन्म कुंडली के 1, 4, 7, 9, 12वें स्थान या भाव में मंगल स्थित हो तो वो व्यक्ति सामान्य मांगलिक होता है।
  • यदि मंगल इन स्थानों में अपनी नीच राशि में(कर्क) हो तो वो व्यक्ति डबल(Double) मांगलिक होता है।
  • यदि नीच राशि के मंगल के साथ कोई पाप ग्रह बैठा हो तो वो ट्रिपल(Triple) मांगलिक होता है।
  • यदि मंगल के साथ सभी पाप ग्रह हो तो फिर इसके अशुभ फल की कोई लिमिट(Limit) नहीं।

मांगलिक दोष के लक्षण और प्रभाव-

  • मंगल का असर आँखों में होता है, इनकी आँखों की पुतलियाँ ऊपर की ओर झुकी होती है
  • इस व्यक्ति की भाई से दुश्मनी होती है।
  • शरीर के जोड़ काम नहीं करते हैं और रक्त की कमी या अशुद्धि होती है।
  • ये व्यक्ति ज़ुबान के कड़वे होते है और लोगों को उनकी बोली अच्छी नहीं लगती है।.
  • ये व्यक्ति किसी का बुरा करने में विश्वास नहीं रखते पर बुरा करने पर आयें तो फिर किसी को छोड़ते भी नहीं हैं।

मांगलिक दोष दूर करने का उपाय-

  • कहते हैं लौहा ही लौहे को काटता है, ऐसे में जिस लड़की की कुंडली में मांगलिक दोष है उसकी शादी भी मांगलिक लड़के से करवानी चाहिए।
  • यदि आप इस दोष से पीड़ित हैं तो आपको अपने विवाह से पहले पीपल के वृक्ष के साथ विवाह कर लेना चाहिए और उसके बाद शालिग्राम पूजन करवा कर ही वर/वधु से दूसरी शादी करनी चाहिए। ऐसा करने से आपका मंगल दोष खत्म हो जाएगा।
  • हर मंगलवार के दिन शिवलिंग पर लाल कुमकुम चढ़ानी चाहिए। इसके साथ-साथ आप लाल रंग के गुलाब के फूल को भी शिवलिंग पर अर्पित कर सकते हैं।
  • मंगल दोष से छुटकारा पाने के लिए आप लाल रंग के कपड़े में सौंप बाँधकर अपने सोने वाले कमरे में रख सकते हैं।

क्या मांगलिक की शादी गैर मांगलिक से हो सकती है?

मंगल एक व्यक्ति के लिए ऊर्जा, साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक होता है। इसलिए, वैदिक ज्योतिष में मंगल को एक बहुत महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। हालांकि, जहां तक ​​मांगलिक या कुजा दोष का सवाल है, तो ये केवल वैवाहिक मामलों के लिए अशुभ माना जाता है। आम तौर पर, माना जाता है कि अगर किसी मांगलिक व्यक्ति की शादी करनी है तो उसके लिए ऐसा जीवन साथी ढूंढना चाहिए जो मांगलिक ही हो। ऐसे विवाह से दोनों का मंगल दोष समाप्त हो जाता है। लेकिन इसके अलावा अन्य ग्रहों के प्रभाव को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। गैर-मांगलिक व्यक्ति के साथ मांगलिक व्यक्ति का विवाह कराने के कुछ उपाय हैं। यदि गैर-मांगलिक व्यक्ति की कुंडली में शनि का मजबूत स्थान और प्रभाव रखता है तो दोनों विवाह कर सकते हैं। हालांकि, विवाह संपन्न कराने से पहले दोनों की कुंडलियों का अच्छी तरह से मिलान कर लेना चाहिए। जिसके लिए किसी ज्योतिषी विशेषज्ञ से परामर्श कर मांगलिक दोष प्रभाव और उपचार के बारे में उचित जानकारी ले सकते हैं।

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